आंखों के लिए है हानिकारक
सर्दियों में लगातार लकड़ी, कोयले आदि को जलाने से इससे जो धुआं निकलता है, वह आंखों को नुकसान पहुंचाता है. लगातार धुएं के संपर्क में आने से आंखों में सूखेपन की समस्या हो सकती है. ऐसे में धुएं से आंखों को बचाए रखना बेहद जरूरी है.
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लगातार अंगीठी या जलती आग के सामने बैठने से स्किन भी प्रभावित होती है.आंच स्किन की नमी को सोखने लगती है और इससे स्किन में रूखापन आता है और वह फटने लगती है.
घटता है ऑक्सीजन का स्तर
बंद कमरे में लकड़ी या कोयले की अंगीठी को जलाने से ऑक्सीजन का स्तर घटता है. इसके साथ ही कमरे में मोनोऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है, जो सीधे मनुष्य के दिमाग पर असर डालता है.
खून को पहुंचता है नुकसान
बंद कमरे में अंगीठी को रखा जाता है तो कार्बन मोनोऑक्साइड सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंचती है. मोनोऑक्साइड के फेफड़ों तक पहुंचने के बाद ये सीधा खून में मिल जाता है, जिससे हीमोग्लोबिन का लेवल घट जाता है.
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इस तरह करें बचाव
-जब अंगीठी में लकड़ी या कोयला जलाया जाता है, तो उससे कई हानिकारक कण निकलते हैं. इसलिए अगर आप इनका अंगीठी आदि जलाते हैं तो इनसे पर्याप्त दूरी बनाए रखें.
-बच्चों को इससे पर्याप्त दूरी पर रखें. आंच के लगातार सामने बैठे रहने से उनकी स्किन पर इसका बुरा असर पड़ सकता है.
-ज्यादा सर्दियों में अगर आप अंगीठी को जला कर कमरा बंद कर लेते हैं तो ऐसा बिल्कुल न करें.
-अन्य चीजें जैसे ब्लोअर या हीटर इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें भी थोड़े समय के लिए चलाएं (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)